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Farmers Protest: खट्टर सरकार के साथ टकराव के बीच किसानों ने करनाल सचिवालय का घेराव किया
देश

Farmers Protest: खट्टर सरकार के साथ टकराव के बीच किसानों ने करनाल सचिवालय का घेराव किया

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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Farmers protest

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कई महीनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Law) का विरोध कर रहे हैं. उनका दावा है कि इस कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली (MSP) समाप्त हो जाएगी. जबकि सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि एमएसपी जारी रहेगी.
 

Farmers Protest: खट्टर सरकार के साथ टकराव के बीच किसानों ने करनाल सचिवालय का घेराव किया

किसान लगातार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.



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गिलानी के निधन के बाद Masarat Alam को मिली हुर्रियत की कमान, तिहाड़ में बंद है अलगाववादी नेता
देश

गिलानी के निधन के बाद Masarat Alam को मिली हुर्रियत की कमान, तिहाड़ में बंद है अलगाववादी नेता

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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श्रीनगर: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद जेल में बंद अलगाववादी नेता मसरत आलम भट को अपना नया अध्यक्ष चुन लिया है. कश्मीर में साल 2010 में विरोध-प्रदर्शन के दौरान ‘पोस्टर बॉय’ के तौप पर पहचाने जाने वाला मसरत आतंकी संगठनों को फंडिंग करने के आरोप में जेल में बंद है.

शब्बीर अहमद को बनाया उपाध्यक्ष

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने मंगलवार को मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को संगठन के नेतृत्व से बड़ी उम्मीदें हैं. बयान के मुताबिक, शब्बीर अहमद शाह और गुलाम अहमद गुलजार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के उपाध्यक्ष चुने गए हैं. संगठन ने कहा कि ये नियुक्तियां हुर्रियत के संविधान के मुताबिक चुनाव होने तक अस्थायी हैं.

ये भी पढ़ें: गिलानी के शव पर कैसे लपेटा गया पाकिस्तानी झंडा, पुलिस ने बताई कफन-दफन की कहानी

एनआईए ने अक्टूबर 2019 में मसरत के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की थी और वह वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है. एनआईए ने अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने, घाटी में अशांति फैलाने और भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रचने के लिए कथित रूप से मनी लॉड्रिंग के लिए जमात-उद-दावा, दुख्तरान-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन के अलावा जम्मू-कश्मीर के अन्य अलगाववादी संगठनों और नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

मसरत पर था 10 लाख का इनाम

गिलानी को हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े का आजीवन अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन उन्होंने पिछले साल पद छोड़ दिया था और वह इससे अलग हो गए थे. वह साफ तौर पर पाकिस्तान समर्थक थे और उन्होंने तीन दशक तक जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन का नेतृत्व किया था.

मसरत आलम साल 2010 में घाटी में विरोध का नेतृत्व करने वाले अलगाववादी के तौर पर उभरा था. चार महीने की तलाशी के बाद उसे श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उसके बारे में जानकारी देने के लिए 10 लाख रुपये के इनाम का भी ऐलान हुआ था. 50 साल का मसरत आलम साइंस ग्रेजुएट है और उसे गिलानी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है.



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Afghanistan में अबकी बार Taliban की खूंखार सरकार, जानें कौन सा आतंकी क्या बना?
देश

Afghanistan में अबकी बार Taliban की खूंखार सरकार, जानें कौन सा आतंकी क्या बना?

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी ताजा खबर ये है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) ने अपनी सरकार का ऐलान कर दिया है. तालिबान की इस सरकार में Tragedy भी है, Comedy भी है और Surprise भी है. Surprise ये है कि तालिबान की इस सरकार में प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर नहीं मुल्ला हसन अखुंद होगा.

मुल्ला हसन अखुंद बना प्रधानमंत्री

अब तक दुनिया भर के मीडिया में मुल्ला बरादर का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर चल रहा था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. Tragedy ये है कि अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद खुद एक अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी है यानी तालिबान ने पूरी दुनिया को बता दिया है कि अब वो खुल्लम खुल्ला बन्दूक की नोक पर आतंकवादियों की सरकार चलाएगा. अफगानिस्तान में आतंकवादियों की ही सरकार चलेगी. ये दुनिया के लिए बहुत ख़तरनाक बात है.

Comedy ये है कि अब कुछ ही दिनों में आप अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) के इन आतंकवादियों को White House में बैठ कर Joe Biden के साथ Joint प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए देखेंगे और पूरी दुनिया में अमन शांति और विकास की बातें कर रहे होंगे.

यानी अफगानिस्तान मे एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी प्रधानमंत्री बनेगा, जो बुर्का नहीं पहनने पर महिलाओं को कोड़े मारने की सज़ा देता है. सिराज़ुद्दीन हक्कानी जैसा आतंकवादी, जो Suicide Bombers तैयार करता है, वो गृह मंत्री बनेगा. दुनिया के साथ इससे बड़ा और भद्दा मज़ाक़ और क्या हो सकता है.

हमने तालिबान (Taliban) की सरकार बनाने वाले इन आतंकवादियों के Resume निकाले हैं. आपके इनके बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे. प्रधानमंत्री बनने वाले आतंकवादी का पूरा नाम मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद है.

शरिया कानून का कट्टर समर्थक है हसन अखुंद

इसका परिचय ये है कि ये तालिबान के संस्थापकों में से एक है. इसे इस्लाम धर्म का विद्वान माना जाता है और ये शरिया क़ानून का कट्टर समर्थक है. ये बम धमाकों से जेहाद फैलाने की ट्रेनिंग भी दे चुका है.

अनुभव की बात करें तो तो ये तालिबान (Taliban) की पहली सरकार में काम कर चुका है. इसके पास अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी होने का अनुभव है. ये संयुक्त राष्ट्र की घोषित आतंकवादियों की सूची में भी शामिल है. NATO देशों की सेनाओं पर जेहादी हमलों का नेतृत्व कर चुका है और हज़ारों आतंकवादियों को Suicide Bombers बनाने का अनुभव भी इसके पास है.

इसके अलावा तालिबान में सभी बड़े फ़ैसले लेने वाली Leadership Council ”रहबरी शूरा” का ये प्रमुख है. इसकी Hobby बम धमाकों की योजना बनाना, सुन्नी इस्लाम की कट्टर मान्यताओं का प्रचार प्रसार करना और आतंकवाद के नाम पर दुनियाभर में जेहाद करना है.

इस वजह से पीएम बना मुल्ला अखुंद

इसका Objective यानी उद्देश्य अफगानिस्तान (Afghanistan) में शरिया क़ानून को फिर लागू करना और अफगानिस्तान के बाद कश्मीर, इराक, सीरिया और यमन जैसे देशों में जेहाद की नई लड़ाई शुरू करना है.

ये वो तमाम बातें हैं, जिनके आधार पर मुल्ला हसन को तालिबान (Taliban) सरकार में प्रधानमंत्री बनाया गया. दुनिया के साथ इससे बड़ा और भद्दा मज़ाक क्या हो सकता है. मुल्ला हसन की सरकार में मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है. मुल्ला बरादर का पूरा नाम मुल्ला अब्दुल गनी बरादर है.

ये भी तालिबान के संस्थापकों में से एक है और तालिबान (Taliban) की आतंकवादी गतिविधियों को राजनीतिक रूप से सही ठहराता है. वह पाकिस्तान की जेल में आठ साल बन्द रह चुका है. ये तालिबान की पहली सरकार में उप विदेश मंत्री रह चुका है. आत्मघाती हमले कराने में माहिर है. अब तक कई आतंकवादियों को Suicide Jackets पहना कर बड़े हमले करवा चुका है.

बरादर की छिन गई कुर्सी

इसकी Hobby एक नेता जैसा दिखने की है. ये दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक है. इसका उद्देश्य भी दुनिया में इस्लाम के राज को स्थापित करना है. पहले खबरें ये थीं कि मुल्ला हसन की जगह इसे प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. लेकिन दो वजहों से ऐसा नहीं हो पाया. पहली वजह ये रही कि तालिबान में उसे लेकर ये धारणा बन गई है कि वो अमेरिका का करीबी है. दूसरी वजह इसके पीछे पाकिस्तान है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान चाहता था कि तालिबान (Taliban) सरकार का नेतृत्व ऐसे नेता के पास हो. जिसे किसी ने ना देखा हो और जो अंतरराष्ट्रीय  दबाव में भी ना आए. मुल्ला बरादर इन दोनों शर्तों पर ही खरा नहीं उतरता और शायद इसी वजह से उसे प्रमुख नहीं बनाया गया है.

मुल्ला अब्दुल सलाम हनाफी बनेगा डिप्टी पीएम

मुल्ला बरादर के अलावा मुल्ला अब्दुल सलाम हनाफी भी अफगानिस्तान (Afghanistan) में उप प्रधानमंत्री होगा. यानी सरकार में दो उप प्रधानमंत्री होंगे. मुल्ला अब्दुल सलाम हनाफी पिछले साल अमेरिका और तालिबान के बीच हुए दोहा शांति समझौते में शामिल था. उसने सोमवार सुबह ही अफगानिस्तान में चीन के राजदूत से मुलाकात की है. इससे आप तालिबान की इस सरकार में चीन के प्रभाव को भी समझ सकते हैं. 

हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराज़ुद्दीन हक्कानी को तालिबान (Taliban) सरकार में गृह मंत्री बनाया गया है. गृह मंत्री का काम देश में आतंरिक शांति को स्थापित करना होता है. वहीं सिराजुद्दीन हक्कानी पिछले लगभग 25 वर्षों से अफगानिस्तान में आंतरिक अशांति का सबसे बड़ा कारण रहा है. इसलिए हक्कानी को गृह मंत्री बनाना किसी Comedy से कम नहीं है.

हक्कानी पर 38 करोड़ रुपये का इनाम

सिराज़ुद्दीन हक्कानी अमेरिका की ओर से घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी भी है. उस पर अमेरिका ने 5 Million Dollars यानी 38 करोड़ रुपये का इनाम रखा है. आपने ऐसा खूंखार गृह मंत्री दुनिया में कहीं नहीं देखा होगा. हक्कानी the new York Time में लेख भी लिख चुका है.

मुल्ला याकूब अफगानिस्तान (Afghanistan) का नया रक्षा मंत्री होगा. मुल्ला याकूब, मुल्ला उमर का बेटा है. जो तालिबान की पहली सरकार का प्रमुख था और मुख्य संस्थापक भी था. ये भी अफगानिस्तान का एक बहुत बड़ा आतंकवादी है.

आमिर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री होगा. मुत्ताकी को तालिबान (Taliban) के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में गिना जाता है. सोचिए अब अफगानिस्तान के विदेश मामलों को एक आतंकवादी देखेगा. दुनिया टेबल पर बैठ कर इस आतंकवादी के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करेगी.

खैरुल्लाह खैरख्वाह सूचना प्रसारण मंत्री होगा. ये आतंकवादी अमेरिका की जेल में 12 साल रह चुका है. अब ये White House में बैठ कर अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden के साथ Joint प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा.

ये भी पढ़ें- Panjshir में Taliban की ‘जीत’ के पीछे पाकिस्तान? समझिए कैसे दे रहा साथ

कट्टरपंथी अब्दुल हकीम होगा न्यायमंत्री

आतंकवादी अब्दुल हकीम न्याय मंत्री होगा. अब्दुल हकीम अब तक लाखों लोगों को कट्टरपंथी बना चुका है. इसे शरिया क़ानून का सबसे बड़ा समर्थक माना जाता है. सोचिए जब ऐसे आतंकवादी न्याय मंत्री होंगे तो अफगानिसस्तान में लोगों के साथ कैसे न्याय होगा.

मुल्ला हिदायत बदरी को वित्त मंत्री बनाया गया है, जो तालिबान (Taliban) की फंडिंग का हिसाब किताब रख चुका है. इसे हथियारों की ख़रीद फरोख्त के लिए जाना जाता है.

स्टेनकजई बनेगा उप विदेश मंत्री

शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई उप विदेश मंत्री होगा. वो 1982 में देहरादून की Millitary Academy में ट्रेनिंग ले चुका है और उसके पास मुजाहिदीन संगठनों के साथ तालिबान में भी काम करने का लम्बा अनुभव है. पिछले दिनों दोहा में भारतीय दूतावास से स्टेनकजई ने मुलाकात की थी.

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September 7, 2021 0 comment
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एयरपोर्ट पर साध्वी का झोला हुआ चेक, सन्न रह गए सिक्योरिटी गार्ड; निकली खोपड़ी
देश

एयरपोर्ट पर साध्वी का झोला हुआ चेक, सन्न रह गए सिक्योरिटी गार्ड; निकली खोपड़ी

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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Madhya Pradesh

इंदौर एयरपोर्ट पर साध्वी की के बैग की चेकिंग करने वाले सिक्योरिटी गार्ड सन्न रह गए. साध्वी झोले में रख कर अस्थियां और खोपड़ी ले जाना चाहती थी लेकिन पुलिस ने रोक दिया.

एयरपोर्ट पर साध्वी का झोला हुआ चेक, सन्न रह गए सिक्योरिटी गार्ड; निकली खोपड़ी

फाइल फोटो.



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September 7, 2021 0 comment
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Encounter Specialist के तौर पर फिर से नाम कमाना चाहता था Sachin Waje, चार्जशीट से हुए ये खुलासे
देश

Encounter Specialist के तौर पर फिर से नाम कमाना चाहता था Sachin Waje, चार्जशीट से हुए ये खुलासे

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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मुंबई: एंटीलिया मामले और मनसुख हिरेन की हत्या के केस में NIA ने चार्जशीट दायर कर दी है. जी न्यूज के हाथ NIA की वही चार्जशीट लगी है जिसके मुताबिक सचिन वझे डिटेक्टिव या एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर अपना नाम दोबारा बनाना चाहता था. यही वजह रही कि उसने एक बहुत बड़े बिजनेस मैन के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो कार को पार्क किया और उसमें नोट भी छोड़ दिया.

100 दिन के लिए बुक किया होटल

इस पूरे कांड को करने से पहले सचिन वझे ने रुतबे का इस्तेमाल करके फर्जी पहचान से एक होटल में 100 दिनों के लिए अपने लिए कमरा बुक किया था. इसके लिए सचिन वझे ने सुशांत खामकर नाम से फर्जी आधार कार्ड भी दिया था. इस पूरे कांड की प्लानिंग और इसके एक्सेक्यूशन के लिए सचिन 16 फरवरी से लेकर 20 फरवरी तक होटल में रुका जो इस पूरी साजिश का हिस्सा था. 

कांड को अंजाम देने के लिए सचिन वझे ने MH02 AY2815 नंबर की हर रंग की स्कॉर्पियो कार जो मनसुख हिरेन की थी, को चुना. इस कार को सचिन वझे और उसका स्टाफ लगातार इस्तेमाल कर रहा था. जांच में पाया गया कि 17 फरवरी को सचिन वझे के कहने पर ही मनसुख हिरेन इस स्कॉर्पियो कार को ठाणे जिले से लेकर विक्रोली ब्रिज के नीचे पार्क करता है. फिर इसकी फोटो CP ऑफिस के पास खड़े सचिन वझे को देता है.

स्कॉर्पियों पर लगाई फर्जी नंबर प्लेट

जाचं में यह भी पता चला है कि 17 फरवरी को ही सचिन वझे ने अपने पर्सनल ड्राइवर और ऑफिशियल ड्राइवर की मदद से उस स्कॉर्पियो कार को ठाणे जिले के अपनी सोसाइटी में पार्क कराया. इसके बाद सचिन ने स्कॉर्पियो कार के दोनों ओरिजनल नंबर प्लेट्स को हटाया और उसकी जगह पर बड़े उद्योगपति के सिक्योरिटी कॉन्वॉय की ही एक कार के नंबर की प्लेट को स्कॉर्पियो पर लगवा दिया. उद्योगपति को सीधे तौर पर धमकाने के लिए ही उसी के काफिले की कार के नंबर को जानबूझकर कर इस तरह से इस्तेमाल किया गया है.

ये भी पढ़ें: CM भूपेश बघेल के पिता गिरफ्तार, ब्राह्मण समाज को लेकर की थी ये टिप्पणी

मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी नंबर-1 यानी सचिन वझे ने जिलेटिन की छड़ें बरामद की और फिर उन्हें कार में डालकर उस कार को बड़े उद्योगपति के घर के पास ही पार्क कर दिया. इस कार में एक धमकी भरा खत भी रखा गया. इस स्कॉर्पियो कार को खुद सचिन वझे ने ही पार्क किया था जबकि एक सफेद रंग की इनोवा कार, स्कॉर्पियो कार को एस्कॉर्ट कर रही थी. इस सफेद रंग की इनोवा कार को सचिन का ऑफिशियल ड्राइवर चला रहा था.

खुद लिया जांच का जिम्मा

इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि जब बड़े उद्योगपति के सिक्योरिटी से जुड़े लोगों को इस पार्क की गई कार के बारे में पता चला और इसकी रिपोर्ट की गई तो सचिन वझे खुद सबसे पहले मौके पर पहुंचा और उसने इन्वेस्टिगेशन का काम अपने हाथ में ले लिया ताकि बड़े उद्योगपति और आम जनता को डराने के लिए और अपने मकसद को पाने के लिए बतौर इनवेस्टिगेटिव ऑफिसर, वो इस पूरे मामले की जांच को भटका सके.

27 फरवरी 2021 को एक टेलीग्राम चैनल जैश उल हिंद के नाम से पोस्ट आती है जो इस विस्फोटकों से भरी कार को पार्क करने की जिम्मेदारी लेती है. बड़े उद्योगपति को इसमें धमकाया जाता है कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, पूरी पिक्चर अभी बाकी है. इसके बाद बड़े उद्योगपति से फिरौती की रकम मांगी जाती है ताकि आगे कोई बड़ी कारवाई ना हो. इसके जरिये सचिन वझे, बड़े उद्योगपति से एक बड़ी रकम उगाहना चाहता था. ये तमाम बातें उस धमकी में कही गई थीं.

इन्वेस्टीगेशन में पता चला कि मुंबई पुलिस के CP ऑफिस का व्हिकल एंट्री रजिस्टर जिसमें 1 मार्च 2021 से पहले की गाड़ियों के आने जाने की सभी सूचनाएं थीं, को सचिन वझे अपने साथ ले गया और उसे खत्म कर दिया. लेकिन CCTV में मौजूद फुटेज की मदद से सचिन वझे के मूवमेंट्स को कन्फर्म किया गया है.

फर्जी सिम कार्ड हुए बरामद

जांच में यह भी सामने आया कि स्कॉर्पियो कार को मनसुख हिरेन ने सचिन वझे को बेच दिया था और दिसंबर 2020 से ही वो सचिन के पास थी. लेकिन सचिन वझे ने मनसुख हिरेन की इस जानकारी को महाराष्ट्र ATS को बताने से मना किया था. इन्वेस्टीगेशन में पता चला है कि आरोपी नंबर-3 यानी विनायक शिंदे ने आरोपी नंबर-2 यानी नरेश गौर से 5 बेनामी सिम कार्ड लिए थे जिन्हें सचिन वझे को सौंपा गया था. इन पांच में से 3 सिम कार्ड्स को 15 मार्च को सचिन के ऑफिस केबिन से बरामद किया गया था.

ये भी पढ़ें: गिलानी के शव पर कैसे लपेटा गया पाकिस्तानी झंडा, पुलिस ने बताई कफन-दफन की कहानी

यह भी सामने आया कि जब ठाणे के कलवा में CSM हॉस्पिटल में मनसुख हिरेन का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा था तब सचिन वझे वहां खुद मौजूद था ताकि वो प्रोसिडिंग के डायरेक्शन पर नजर रख सके. इन्वेस्टीगेशन में ये भी पता चला है कि विस्फोटकों से भरी कार को पार्क करने के बाद सचिन वझे ने उन कपड़ों को जला दिया था जिसे उसने कार पार्क करते वक्त पहना था. सचिन ने अपने मोबाइल फोन को भी मिटा था और CCTV की नजर से बचने के लिए इनोवा कार के साथ भी छेड़खानी की थी.

सबूत मिटाने की रची साजिश

जांच में पता चला है कि जिस जगह पर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो कार पार्क की गई थी, सचिन वझे ने उसी जगह पर जाकर दोबारा मुआयना किया था ताकि CCTV में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को चेक किया जा सके. इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को मिटाने के लिए सचिन ने आरोपी नंबर-4 रियाजुद्दीन काजी से कहा कि वो इन तमाम जगहों से CCTV निकाल ले.

27 फरवरी को रियाजुद्दीन काजी सचिन वझे की सोसाइटी से DVR लेकर आ गया लेकिन इस DVR को ATS को जांच के लिए कभी नहीं दिया गया. इसी DVR को NIA ने 15 मार्च को सचिन वझे के ऑफिस से बरामद किया. इसके अलावा ये भी पता चला है कि काजी, एंटीलिया के पास स्थित निखिल विला गया और वहां से DVR/CCTV को गैर कानूनी तरीके से अपने कब्जे में ले लिया. इनको डर था कि इसमें स्कॉर्पिओ कार कैद हुई होगी.

जांच के ये भी पता चला है कि सचिन वझे, रियाजुद्दीन काजी और CIU के दूसरे अधिकारी ठाणे में मौजूद सद्गुरु स्टोर गए जहां से उन्होंने फर्जी नंबर प्लेट्स बनवाये थे. वहाँ का DVR भी गैर कानूनी तरीके से कब्जे में लिया गया. सचिन वझे, मनसुख हिरेन के क्लासिक कार डेकॉर भी गया और वहां से भी DVR अपने कब्जे में ले लिया ताकि उसे नष्ट किया जा सके.

मनसुख हिरेन को दिया ये ऑफर

इन सारे सबूतों को इन लोगों ने कुर्ला की मीठी नदी में नष्ट करने के लिए फेंक दिया. इस साजिश को पूरा करने के लिए मनसुख हिरेन, सचिन वझे के कहे मुताबिक काम कर रहा था. उसने स्कॉर्पिओ की चोरी की झूठी FIR भी लिखवाई. जैसे ही इस मामले की जांच सचिन से लेकर सीनियर अधिकारी को दी गई, उसके बाद से ही सचिन, मनसुख हिरेन पर इस बात के लिए दबाव बनाने लगा कि वो इस पूरे मामले की जिम्मेदारी खुद पर ले ले.

सचिन वझे ने मनसुख को भरोसा दिलाया कि उसे इस मामले से जल्दी निकाल लेंगे. लेकिन मनसुख इस बात के लिये राज़ी नहीं हुआ. चूंकि मनसुख ही इकलौता ऐसा शख्स था जिसे पता था कि उसने सचिन वझे के कहने पर स्कॉर्पियो कार को विक्रोली हाईवे पर पार्क किया था और चाबी CST के पास वझे को दी थी. सचिन को ये डर था कि अगर मनसुख ने ये सब बता दिया तो उसका पर्दाफाश हो जाएगा.

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मनसुख इस मामले में सबसे कमजोर कड़ी माना जा रहा थी और सचिन वझे के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया था. इसके बाद सचिन वझे, पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा और दूसरे आरोपियों ने मिलकर मनसुख हिरेन की हत्या की साजिश रची जिसकी जिम्मेदारी पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दी गई. इसके बाद प्रदीप शर्मा ने संतोष शेलार से संपर्क किया और पैसों के लिए हत्या करने का ऑफर दिया जिसके लिए संतोष शेलार राजी हो गया.



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Mumbai में जिम ट्रेनर्स को कड़ी चेतावनी, 'प्रोटीन पाउडर की आड़ में Steroids बेचा तो होगी कार्रवाई'
देश

Mumbai में जिम ट्रेनर्स को कड़ी चेतावनी, ‘प्रोटीन पाउडर की आड़ में Steroids बेचा तो होगी कार्रवाई’

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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प्रशांत अंकुशराव, मुंबई: जिम में बॉडी बनाने के नाम पर स्टेरॉयड (Steroids) को बढ़ावा देने की शिकायतों पर मुंबई FDA ने सख्ती शुरू कर दी है. विभाग ने आदेश जारी करके कहा कि अगर कोई जिम (Gym) ट्रेनर प्रोटीन पाउडर की आड़ में किसी को स्टेरॉयडड या उससे जुड़ी कोई चीज देने की कोशिश करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

घंटों तक जिम करते हैं कई लोग

रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर लोग शरीर को एक निश्चित आकार में लाने के लिए घंटों तक जिम (Gym) करते हैं. इस दौरान वे शरीर को मजबूत बनाने के  लिए प्रोटीन और दूसरी चीजों का इस्तेमाल करते हैं. वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो शरीर को सुंदर आकार देने के लिए दवाईयों का इस्तेमाल करते हैं. जिससे शरीर बाहर से तो सुंदर हो जाता है लेकिन उसके बुरे परिणाम अंदर दिखाई देते हैं. 

शरीर को फुला देता है स्टेरॉयड

मुंबई FDA के सहायक आयुक्त डी.आर. गहाणे के मुताबिक शरीर को फुलाने के लिए जिस दवाई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, वह स्टेरॉयड (Steroids) होती है. इसे देखते हुए विभाग की ओर से आदेश दिया गया है कि अगर किसी जिम (Gym) में लोगों को स्टेरॉयड उपलब्ध कराया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके साथ ही अगर किसी मेडिकल की दुकान पर बिना डाक्टर की पर्ची के स्टेरॉयड दिया जाता है तो उस दुकान के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.  

जानकारी के मुताबिक स्टेरॉयड (Steroids)  शरीर को अच्छी शेप में लाने में मदद तो करता है. हालांकि अगर इसका ज्यादा वक्त तक इस्तेमाल किया जाय तो ये शरीर को नुकसान पहुचा सकता है.   

ये भी पढ़ें- Benefits of Almonds: बादाम को खाने का क्या है सही तरीका? जानिए एक्सपर्टों की राय

स्टेरॉयड के इस्तेमाल से नुकसान  

स्टेरॉयड (Steroids) के लगातार इस्तेमाल से मेटाबोलिज्म खराब हो जाता है. इससे ब्लड प्रेशर, किडनी और हार्ट पर भी असर पड़ता है. इससे हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं और स्ट्रोक का भी खतरा रहता है. 

जिम में स्टेरॉयड (Steroids) के इस्तेमाल की बात को जिम (Gym) ट्रेनर सिरे से खारिज करते है. जिम चलाने वाले निरंजन सावंत कहते हैं कि शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए जिम आज की आवश्यकता है. जितना अच्छा दिखना बाहर से जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि शरीर अंदर से भी अच्छा रहे. ऐसे में जिम तो जाएं लेकिन उसके बाद दवाओं के इस्तेमाल से बचे.

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अफगान संकट पर रूसी NSA से होगी Ajit Doval की मुलाकात, जानें क्यों है अहम
देश

अफगान संकट पर रूसी NSA से होगी Ajit Doval की मुलाकात, जानें क्यों है अहम

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाइ पत्रुशेव की बुधवार को भारत के NSA अजीत डोभाल के साथ मुलाकात होनी है और इस अहम बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें होंगी. पत्रुशेव की दिल्ली यात्रा से पहले भारत में रूस के राजदूत निकोलाइ कुदाशेव ने माना कि अफगान आतंकवाद के कश्मीर तक पहुंचने का खतरा है.

सबसे पुराना सैनिक दोस्त है रूस

रूस, पाकिस्तान, ईरान और चीन को मिलाकर बनने वाले नए गठजोड़ की संभावनाओं के बीच भारत के लिए नए खतरे पैदा हो रहे हैं. ऐसे में अपने सबसे पुराने सैनिक दोस्त रूस का साथ हासिल करना भारत के लिए सबसे जरूरी है. रूस ने मार्च में तालिबान के साथ शांति वार्ता का आयोजन किया था और तालिबान के लिए नर्म रुख दिखाया था. अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद रूस ने न तो उससे राजनयिक संबंधों को बहाल करने की जल्दबाजी दिखाई और न ही उसके खिलाफ कोई बयान दिया.

इस कदम से साफ है कि चालीस साल पहले अफगानिस्तान में बुरी तरह फंसने के बाद रूस अब हर कदम फूक-फूंक कर उठाना चाहता है. लेकिन तालिबान के ताकतवर होने से पड़ोसी देश ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान में अशांति फैलने की पूरी आशंका है. अगर ऐसा हुआ तो इस्लामी आतंकवाद का असर रूस पर भी पड़ेगा जिससे पिछले दशक तक वो परेशान रहा है.

कैसे दूर होगी नाराजगी?

पिछले कुछ सालों में भारत के अमेरिका के साथ रक्षा संबंध बढ़ने से रूस नाराज हुआ और ये नाराजगी कई बार उसने जाहिर भी की है. रूस पिछले दशक में रूस-चीन-भारत का एक संगठन बनाना चाहता था लेकिन चीन पर भारत के भरोसे की कमी की वजह से वो कामयाब नहीं रहा. पिछले कुछ सालों में भारत-अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-जापान के बीच क्वाड (QUAD) संगठन बनने से रूस की नाराजगी बढ़ी है.

पाकिस्तान के साथ रूस ने पहली बार 2016 में सैनिक अभ्यास शुरू करके अपनी नाराजगी का संकेत भी दे दिया. लेकिन भारत-रूस के संबंधों में भरोसा बना रहा. साल 2018 में अमेरिका का काट्सा प्रतिबंधों को नकार कर भारत ने रूस के साथ एस-400, नए फ्रिगेट्स का सौदा किया. रूस ने 2020 में भारत के साथ चीन के सैनिक टकराव के समय ड्रैगन के एस 400 की सप्लाई रोक दी. भारत और रूस के बीच सैनिक अभ्यासों का स्तर और बढ़ाया गया.

तालिबान से खतरे की आशंका 

इस समय भारत खुद भी तालिबान के मामले पर फूंक-फूंक कर कदम रखा रहा है. भारत ने तालिबान से बातचीत की शुरुआत भी की है ताकि कंधार हाई जैक जैसी स्थिति न आए और तालिबान के साथ पूरी संवादहीनता न हो. दूसरी तरफ भारत जानता है कि आईएसआई के इशारे पर चलने वाले और हक्कानी नेटवर्क के साथ काम करने वाले तालिबान से हर हालत में खतरा पैदा होना तय है.

ये भी पढ़ें: तालिबान ने सरकार के गठन का किया ऐलान, मुल्ला हसन अखुंद होगा PM

अब भारत केवल तालिबान के अगले कदमों का इंतजार कर रहा है ताकि उसके साथ संबंधों का नक्शा तैयार हो सके. चीन और पाकिस्तान जैसे भारत के कट्टर दुश्मनों के तालिबान के साथ रिश्ते बहुत अच्छे हैं या यूं कहें कि तीनों एक साथ काम कर रहे हैं. इस्लामी कट्टरवाद के नए समर्थक तुर्की के तालिबान के साथ खुलकर आने के बाद भारत के विरोध का दायरा और बढ़ गया है. रूस के तालिबान से दूर जाने से इस गठबंधन से निबट पाना भारत के लिए आसान हो जाएगा. 



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Dewas: PUBG खेलते-खेलते अचानक चीख उठा युवक, फिर चली गई जान
देश

Dewas: PUBG खेलते-खेलते अचानक चीख उठा युवक, फिर चली गई जान

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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देवास: बच्चों और युवाओं के बीच ऑनलाइन गेम का क्रेज जानलेवा साबित हो रहा है और कई लोग गेम खेलने के दौरान हादसों का शिकार हो चुके हैं. ताजा मामला मध्य प्रदेश के देवास जिले का है जहां मोबाइल फोन पर पबजी गेम खेलते-खेलते 19 वर्षीय एक दिव्यांग की मौत हो गई.

गेम खेलते हुए चीख उठा युवक

ऑनलाइन गेम खेलते वक्त पहले लड़का अचानक जोर से चिल्लाया फिर कथित तौर पर बेहोश हो गया, आखिर में उसने दम तोड़ दिया. देवास जिले के इंड्रस्टियल एरिया थाना इलाके स्थित शांतिनगर में रविवार दोपहर को यह हादसा हुआ. 

औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी अनिल शर्मा ने मंगलवार को बताया कि परिजनों के मुताबिक 11th क्लास का छात्र दीपक राठौर रविवार दोपहर को अपने घर पर अपने मोबाइल फोन पर पबजी खेलते समय अचानक बेहोश हो गया. उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

हार्ट अटैक हो सकती है वजह

अनिल शर्मा ने बताया कि दीपक पैर से दिव्यांग था. हाल ही में उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी और 11वीं में दाखिला लिया था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद उसके परिजन को सौंप दिया है. शर्मा ने बताया कि मृतक का विसरा जांच के लिए भोपाल भेजा जाएगा और उसके बाद ही मौत की असली वजह साफ हो पाएगी. हालांकि, शुरुआती जांच में पता चलता है कि उसकी मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना हो सकता है.

दीपक को थी पबजी की लत

दीपक की मौत के बाद उसके परिजनों ने बताया कि वह पबजी गेम का बहुत शौकीन था और पिछले दो दिन से गेम में ज्यादा ही बिजी रहने लगा था. जब यह हादसा हुआ तब घर पर सिर्फ दीपक और उसकी भांजी मौजूद थे. परिजनों ने बताया कि दीपक के पिता की बहुत पहले मौत हो चुकी है और वह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था. 

ऑनलाइन गेम की वजह से राज्य में कई बच्चे जान गंवा चुके हैं. इससे पहले इंदौर में भी एक बच्चे की पबजी गेम खेलते वक्त मौत हो गई थी.



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मंदिर के नाम की संपत्ति के मालिक सिर्फ भगवान, पुजारी नहीं: Supreme Court
देश

मंदिर के नाम की संपत्ति के मालिक सिर्फ भगवान, पुजारी नहीं: Supreme Court

by darpanjaynagar September 7, 2021
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंदिरों की संपत्ति को लेकर एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि मंदिर (Temple) के पुजारी को जमीन का मालिक नहीं माना जा सकता और देवता ही मंदिर से जुड़ी जमीन के मालिक (Bhumiswami) हैं. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एएस बोपन्ना की एक बैंच ने कहा कि पुजारी केवल मंदिर की संपत्ति के मैनेजमेंट के मकसद से जमीन से जुड़े काम कर सकता है.

देवता ही जमीन का मालिक

सर्वोच्च अदातल ने सोमवार को कहा, ‘ऑनरशिप कॉलम (Ownership Column) में केवल देवता का नाम ही लिखा जाए, चूंकि देवता एक न्यायिक व्यक्ति होने के कारण जमीन का मालिक होता है. जमीन पर देवता का ही कब्जा होता है, जिसके काम देवता की ओर से सेवक या प्रबंधकों की ओर से किए जाते हैं. इसलिए, मैनेजर या पुजारी के नाम का जिक्र ऑनरशिप कॉलम में करने की जरूरत नहीं है.’

बैंच ने कहा कि इस मामले में कानून साफ है कि पुजारी काश्तकार मौरुशी, (खेती में काश्तकार) या सरकारी पट्टेदार या मौफी भूमि (राजस्व के भुगतान से छूट वाली भूमि) का एक साधारण किरायेदार नहीं है, बल्कि उसे औकाफ विभाग (देवस्थान से संबंधित) की ओर से ऐसी जमीन के केवल प्रबंधन के उद्देश्य से रखा जाता है.

पुजारी का काम सिर्फ मैनेजमेंट

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने कहा, ‘पुजारी केवल देवता की संपत्ति के मैनेजमेंट करने की एक गारंटी है और अगर पुजारी अपने काम करने में, जैसे प्रार्थना करने और जमीन का प्रबंधन करने संबंधी काम में नाकामयाब रहे तो इसे बदला भी जा सकता है. इस तरह उन्हें जमीन का मालिक नहीं माना जा सकता.’

ये भी पढ़ें: ‘नमाज रूम’ को लेकर विधान सभा में हंगामा, स्पीकर बोले- नाराज हैं तो मुझे पीट लीजिए

सर्वोच्च अदालत ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस आदेश में कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से एमपी लॉ रेवेन्यू कोड-1959 के तहत जारी किए गए दो सर्कुलर्स को रद्द कर दिया था. इनमें पुजारी के नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया गया था, ताकि पुजारी अवैध रूप से मंदिर की सम्पत्तियों की बिक्री न कर सके.



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September 7, 2021 0 comment
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Jharkhand Assembly में हुआ बवाल तो स्पीकर बोले- मुझे पीट लीजिए लेकिन हंगामा मत करो
देश

Jharkhand Assembly में हुआ बवाल तो स्पीकर बोले- मुझे पीट लीजिए लेकिन हंगामा मत करो

by darpanjaynagar September 7, 2021
written by darpanjaynagar

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रांची: झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा अलॉट करने के मुद्दे पर मंगलवार को जोरदर प्रदर्शन हुआ. भगवा रंग के कपड़े पहनकर जय श्री राम और हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक चेयर के करीब पहुंच गए और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने लगे.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने नमाज के लिए कमरा अलॉट किए जाने और राज्य की रोजगार नीति के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलते रहने देने की अपील की. हालांकि स्पीकर की अपील का कुछ खास असर नहीं होता दिखा.

‘आप नाराज हैं तो मुझे पीट लें…’

प्रदर्शनकारी सदस्य प्रश्नकाल के दौरान नारे लगाते रहे जिसके कारण दोपहर 12:30 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. महतो ने प्रदर्शनकारी विधायकों से कहा, ‘चेयर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अगर आप नाराज हैं तो मुझे पीट लें, लेकिन कार्यवाही में बाधा न डालें. कृपया अपने-अपने स्थानों पर जाएं, मुझे बहुत दुख हो रहा है…यह 3.5 करोड़ लोगों की आस्था का सवाल है और आपके आचरण से मुझे काफी दुख पहुंचा है.’

ये भी पढ़ें: झारखंड विधान सभा में Namaz के लिए अलग से दिया गया कमरा, मचा बवाल

हंगामे के बीच, अध्यक्ष ने बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही से ‘हनुमान चालीसा’ का सम्मान करने और राजनीतिक फायदे के लिए इसका इस्तेमाल न करने को कहा. उन्होंने कहा कि वह कामना करते हैं कि ‘बजरंग बली’ हंगामा कर रहे विधायकों को सदबुद्धि दें.

नमाज रूम के लेकर है विवाद

विधान सभा में नमाज के लिए कमरा देने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. बीजेपी ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए मांग की कि बहुसंख्यक विधायकों की भावना का ख्याल रखते हुए विधान सभा में मंदिर का निर्माण भी होना चाहिए. हालांकि JMM सरकार की ओर से कहा गया है कि यह व्यवस्था उनके वक्त की नहीं है बल्कि पहले से चली आ रही है. 



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